DHYAN MUDRA ( ध्यान मुद्रा ) नहीं | All Are Wrong | PM Modi Meditation At Vivekanand Rock Memorial | 30th May 2024

PM Modi In Dhyan Mudra ( ध्यान मुद्रा में PM MODI )

हाल ही में भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु में स्थित Vivekananda Rock Memorial ( विवेकानन्द स्मारक शिला ) में ध्यान करते नजर आये जो कि भारत के सभी पार्टियों के बीच ही नहीं बल्कि पुरे देश-विदेश में एक चर्चा का विषय बन गया। प्रधानमंत्री के इस कृत्य से जहां NDA के समर्थक उन्हें योगी की उपाधि तक दे रहे हैं वहीँ विपक्ष के लोग इसकी आलोचना में जुटे हुए हैं।

जानकारी हो कि प्रधानमंत्री उसी जगह ध्यान करते नजर आये जहाँ 1892 में स्वामी विवेकानंद जी ने ध्यान साधना की और उसी के बाद उन्होंने भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए आजीवन कार्य किये।

आइये उस Dhyan Mudra या Gyan Mudra के बारे में में जानते हैं जिस मुद्रा में PM Modi देखे गए और विवेकानंद स्मारक शिला के बारे में भी थोड़ा जानते हैं के PM Modi ने उस जगह पर ध्यान आसान क्यों लगाया।

सही नाम : ज्ञान मुद्रा ( Gyan Mudra )

image 1

दरअसल, जिस योग मुद्रा की चर्चा पुरे देश-विदेश में बनी हुई है उसका उचित नाम Dhyan Mudra ( ध्यान मुद्रा ) नहीं बल्कि ज्ञान मुद्रा ( Gyan Mudra ) है, इसका उल्लेख सिद्धि योगा जैसे बहुचर्चित वेबसाइट में भी किया गया है।

ज्ञान मुद्रा (Gyan Mudra) एक महत्वपूर्ण हस्त मुद्रा है जो योग और ध्यान में उपयोग की जाती है। इस मुद्रा को “चिन मुद्रा” भी कहा जाता है। ज्ञान मुद्रा शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करने के लिए जानी जाती है। इसे साधारणतः निम्नलिखित तरीके से किया जाता है:

  1. बैठने की स्थिति: पद्मासन (Lotus Pose) या सुखासन (Easy Pose) में आराम से बैठें।
  2. हाथों की स्थिति: अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें।
  3. अंगूठे और तर्जनी की स्थिति: अंगूठे की नोक को तर्जनी (index finger) की नोक से स्पर्श करें। बाकी उंगलियाँ सीधी और ढीली रखें।
  4. ध्यान: अपनी आँखें बंद करें और ध्यान मुद्रा में बैठें। अपने श्वास-प्रश्वास पर ध्यान केंद्रित करें।

ज्ञान मुद्रा के लाभ

image 2

विभिन्न योग मुद्राओं के अपने अलग अलग फायदे बताये गए हैं, जिसमे ज्ञान मुद्रा के महर्वपूर्ण फायदे निम्नलिखित हैं :-

  1. मानसिक शांति: यह मुद्रा मानसिक तनाव को कम करने और मानसिक शांति प्राप्त करने में मदद करती है।
  2. स्मरण शक्ति: यह मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाती है और स्मरण शक्ति में सुधार करती है।
  3. ध्यान में सहायक: यह मुद्रा ध्यान को गहरा करने में सहायक होती है।
  4. तंत्रिका तंत्र का संतुलन: यह तंत्रिका तंत्र को संतुलित करती है और मानसिक स्थिरता प्रदान करती है।
  5. आध्यात्मिक जागृति: यह आत्म-जागरूकता और आत्म-साक्षात्कार को बढ़ावा देती है।

ज्ञान मुद्रा का अभ्यास

  • इस मुद्रा का अभ्यास प्रतिदिन कम से कम 15-30 मिनट तक करना चाहिए।
  • इसे सुबह के समय खाली पेट करना सबसे अच्छा होता है, लेकिन दिन के किसी भी समय किया जा सकता है।

ज्ञान मुद्रा योग और ध्यान का एक सरल और प्रभावी तरीका है, जिसे नियमित अभ्यास से कई लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।

विवेकानंद स्मारक शिला का सम्पूर्ण इतिहास

image 4

पृष्ठभूमि

विवेकानंद स्मारक शिला (Vivekananda Rock Memorial) तमिलनाडु के कन्याकुमारी में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल है। यह शिला अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के संगम बिंदु पर स्थित है। यह स्मारक स्वामी विवेकानंद की स्मृति में निर्मित किया गया है, जिन्होंने दिसंबर 1892 में इस शिला पर ध्यान किया था। इस ध्यान के बाद उन्होंने भारत के पुनर्जागरण और आध्यात्मिक जागरण के लिए कार्य करने का संकल्प लिया।

स्मारक का निर्माण

  • प्रारंभिक प्रयास: 1962 में स्वामी विवेकानंद की जन्मशती के अवसर पर, इस स्मारक के निर्माण की योजना बनाई गई। इसका मुख्य उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के जीवन और उनके शिक्षाओं को सम्मानित करना और उनकी स्मृति को स्थायी रूप से जीवित रखना था।
  • स्वीकृति और समर्थन: श्री एप्पा पिल्लई की अगुवाई में विवेकानंद शिला स्मारक समिति ने इस परियोजना को आगे बढ़ाया। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस परियोजना का समर्थन किया।

निर्माण: 1964 में निर्माण कार्य शुरू हुआ। इसके निर्माण में कई इंजीनियरों और शिल्पकारों का योगदान रहा। इसका डिज़ाइन शिल्प वास्तुकला और आधुनिक स्थापत्य का मिश्रण है।

उद्घाटन

  • समाप्ति और उद्घाटन: विवेकानंद स्मारक शिला का निर्माण 1970 में पूर्ण हुआ। इसका औपचारिक उद्घाटन 2 सितंबर 1970 को तत्कालीन राष्ट्रपति वी.वी. गिरि द्वारा किया गया।

स्मारक की विशेषताएँ

  1. मुख्य भवन: स्मारक का मुख्य भवन मंदिर की शैली में निर्मित है। इसमें स्वामी विवेकानंद की एक भव्य प्रतिमा स्थापित है।
  2. ध्यान मंडप: यह एक शांत और पवित्र स्थान है जहाँ आगंतुक ध्यान और आत्मचिंतन कर सकते हैं।
  3. शिला का महत्व: ऐसा माना जाता है कि इसी शिला पर स्वामी विवेकानंद ने तीन दिन तक ध्यान किया और भारतीय संस्कृति और सभ्यता के पुनर्जागरण का संकल्प लिया।

महत्व

विवेकानंद स्मारक शिला न केवल एक पर्यटक स्थल है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, विरासत और आध्यात्मिकता का प्रतीक भी है। यह स्मारक स्वामी विवेकानंद के जीवन और उनके द्वारा प्रचारित विचारों को समझने और सराहने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। यह स्थल हजारों आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित करता है और उन्हें आत्मचिंतन और ध्यान के लिए प्रेरित करता है।

इसकी विस्तृत जानकारी विकिपीडिया पर भी उपलब्ध है।

इसी तरह के और भी देश-विदेश के समाचार एवं अन्य जानकारी के लिए हमारे होम पेज पर जा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *